बड़वानी। कलाकार धीरज सागोरे की हुई भूरि-भूरि प्रशंसा। “बहुत सुंदर चित्र बनाये गये हैं। यह आपका बहुत ही अच्छा हुनर है। आप अपनी इस कला को व्यावसायिक स्तर पर अपनाइये ताकि आप आय और प्रसिद्धी दोनों प्राप्त कर सकें” ये बातें शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा संचालित की गई ।
अल्पावधि रोजगारोन्मुखी चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला में धीरज शैलेंद्र सागोरे द्वारा बनाई गई कलाकृतियों का अवलोकन करते हुए बड़वानी जिले के कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने कहीं। उन्होंने राधा-कृष्ण की एक सुंदर पेंटिंग खरीदकर कलाकार विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
प्राचार्य डाॅ. एनएल गुप्ता ने कहा कि इस तरह की रचनात्मकता का कार्य कॅरियर सेल द्वारा ही किया जा सकता है। मुख्य प्रशिक्षक धीरज शैलेंद्र सागोरे की कला की कलेक्टर वर्मा और अन्य उपस्थित प्रबुद्धजनों ने बहुत प्रशंसा की। कार्यकर्तागण प्रीति गुलवानिया, सलोनी शर्मा, किरण वर्मा, स्वाति यादव, अंकित काग, साक्षी परमार, उमा फूलमाली आदि ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में पच्चीस प्रशिक्षुओं ने निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त किया था। आगे चलकर बड़ी संख्या में पेंटिंग बनाकर इसको कॅरियर सेल द्वारा व्यावसायिक तौर पर अपनाया जाएगा ।
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कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया एवं सलोनी शर्मा ने बताया कि बड़वानी गौरव उत्सव के अंतर्गत 25 से 31 मई तक इन पेंटिंग्स की प्रदर्शनी और बिक्री का आयोजन स्टाॅल क्रमांक 41 एवं 42 पर की जाएगी। कलाकार धीरज सागोरे ने बताया कि प्रदर्शनी में उपलब्ध पेंटिंग्स में मधुबनी, मंडला, जामनी राॅय, कलमकारी, गोंड शैलियों में बनी राधा-कृष्ण, मोर, शिवाजी, शिव-पार्वती, श्रीनाथ जी, राजस्थानी ऊँट आदि की तस्वीरें हैं।
सच्चा गुरु वह है जो आत्मज्ञान जागृत कर देेता है–बाबा माधवदास
विशाल केक काटकर मना स्वामी बोदाराम साहिब का जन्मोत्सव।
खंडवा। सच्चा गुरु वह है जो व्यक्ति में आत्मज्ञान जागृत कर देता है। सही राह चलने का सामर्थ्य और दिशा देता है। शिष्य के जीवन के अंधकार से भरी दुनिया में जगमगाता प्रकाश देता है, गुरु सदैव हमसे श्रेष्ठ होता है।

यह जानकारी देते हुए प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि बाबा जी द्वारा प्रवचनों में आगे कहा कि 21वीं सदी के इस दौर में आदमी जीवनभर पद प्रतिष्ठा पाने और पैसा कमाने की होड़ में लगा रहता है। लेकिन सबसे बड़ा सच यह है कि एक खरबपति आदमी भी शांति चाहता है और एक गरीब मजदूर भी जीवन में शांति चाहता है। भौतिक जीवन में शांति की तलाश मृगतृष्णा के सामान है वास्तविक सुख और शांति तो गुरु के श्री चरणों में ही है। देश प्रदेश से आए हुए श्रद्धालुओं के मध्य रात्रि 2 बजे विशाल केक काटकर स्वामी बोदाराम साहिब जी का जन्मोत्सव महोत्सव के रूप में मनाया गया। पालनपुर गुजरात के हास्य व्यंग, भजन गायक परमानंद प्यासी के गीतों एवं भजनों पर उपस्थित श्रद्धालुजन जमकर झूमे।

गुरु शब्द की महिमा का बखान एवं जीवन को सुखमय तरीके से बिताने के लिए टिप्स देते हुए यह बात बालकधाम प्रमुख बाबा माधवदास उदासी जी द्वारा तीन दिवसीय जन्मोत्सव के समाप्ति अवसर पर कहीं।

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