आम नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएँ प्रदान करने की दृष्टि से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया गया है। अब कोई भी आवेदक लर्निंग लाइसेंस, नवीन ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन, नवीनीकरण अथवा ड्राइविंग लाइसेंस में अन्य श्रेणी के आवेदन के साथ रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2021 के पूर्व उक्त मेडिकल सर्टिफिकेट मैनुअल तरीके से जारी किए जाने का प्रावधान था। मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड चिकित्सक पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एनआईसी के सारथी पोर्टल पर पंजीयन कराना आवश्यक है। ज्यादा सुविधाएँ प्रदान करने की दृष्टि से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया गया है।
अब कोई भी आवेदक लर्निंग लाइसेंस, नवीन ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन, नवीनीकरण अथवा ड्राइविंग लाइसेंस में अन्य श्रेणी के आवेदन के साथ रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2021 के पूर्व उक्त मेडिकल सर्टिफिकेट मैनुअल तरीके से जारी किए जाने का प्रावधान था। मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड चिकित्सक पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एनआईसी के सारथी पोर्टल पर पंजीयन कराना आवश्यक है।
हमारा स्वास्थ्य बेहतर होगा तभी सर्वांगीण विकास संभव है -प्रो ए.एस. किराडे
निवाली नगर के शासकीय महाविद्यालय में श्री अन्न महोत्सव कार्यशाला के अन्तर्गत विषय पोषक अनाज के प्रकार पर मुख्य वक्ता प्रो अनारसिंह किराड़े समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष ने मोटे अनाज में पाएं जाने वाले पोषक तत्वों पर जोर देते हुए कहा कि हमारे शरीर में भिन्न भिन्न तत्वों का योगदान भिन्न भिन्न प्रकार से होता है.यदि हम पोष्टिक आहार यानि मोटा अनाज का उपयोग करते तो हमारा स्वास्थ्य बेहतर होगा जिससे हमारी शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में भी उन्नति होने की प्रबल संभावना बनती है मोटे अनाज में पाए जाने वाले तत्व विशेष तौर पर गंभीर बीमारी जैसे ह्रदयघात, किडनी फेल ,लीवर इन्फेक्शन, नर्वस सिस्टम ,मसल्स, पैरालिसिस आदि बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अशोक चौहान ने विद्यार्थियों को मोटे अनाज के महत्व को समझाते हुए मोटे अनाज का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित किया और कार्यशाला में विशेष वक्ता द्वारा बताई गई बातों को अमल करने एवं घर परिवार के सदस्यों को भी प्रेरित करने के लिए कहा. डॉ सुल्तान मोरे ने कहा कि महाविद्यालय में होने वाली उपयोगी गतिविधियों को अपने रोजमर्रा के जीवन में उतारने की कोशिश करें क्योंकि शासन के कोई से भी कार्यक्रम हमेशा विद्यार्थी एवं जन हितेषी होते हैं इसलिए उपयोगी बातों को सुनने तक सीमित ना रखें बल्कि प्रैक्टिकली रुप से भी अपने जीवन में उपयोग करें।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रभारी जीआर मोरे ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक आइक्यूएसी के प्रभारी डॉ किरण तावड़े, डॉ. रामाधार पीपलादिया .डॉ फूलचंद किराडे, प्रो प्रताप सिंह बर्डे एवं अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
हिमांशु मालाकार की रिपोर्ट